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क्षय रोगी खोज अभियान में सीएचओ बने मददगार

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क्षय रोगी खोज अभियान में सीएचओ बने मददगार
क्षय रोगी खोज अभियान में सीएचओ बने मददगार
  • अभियान में 1239 की जांच, मिले 46 मरीज
  • जिले में सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर सीएचओ तैनात
  • 24 मार्च से 13 अप्रैल तक चला अभियान

औरैया। जनपद में विश्व क्षय रोग दिवस (24 मार्च) से चलाया जा रहा विशेष क्षय रोगी खोज अभियान बुधवार (13 अप्रैल) को पूरा हो गया। इसमें हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) की भागीदारी अहम रही। यहां पर तैनात कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) को टीबी के संभावित मरीजों की स्क्रीनिंग का जिम्मा सौंपा गया था। इस अभियान में 1239 लोगों की जांच की गई, जिसमें 46 टीबी मरीज मिले हैं। इनका इलाज भी शुरू कर दिया गया है। जिला क्षय रोग अधिकारी डा. अशोक राय ने बताया कि जिले में समस्त 82 आयुष्मान हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर सीएचओ की तैनाती है।

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58 केंद्रों पर इस अभियान के तहत क्षय उन्मूलन कार्यक्रम से जोड़ दिया गया । यहां पर तैनात सीएचओ को निर्देश दिए गए थे कि अगर उनके यहां कोई संभावित टीबी का मरीज आता है तो उसका नाम व पता दर्ज करने के साथ ही उसे नजदीकी सरकारी अस्पताल या जिला क्षय रोग अस्पताल में स्थित टीबी क्लीनिक में भेजें। इसके बाद बलगम की जांच कराई जाएगी। आवश्यकता होने पर सीबीनाट या ट्रूनेट जांच भी कराई जाएगी।

जांच में अगर मरीज पाजिटिव पाया जाता है तो उसका पंजीकरण कर नियमित इलाज कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि सीएचओ द्वारा अपने क्षेत्र में कैंप लगाकर संभावित मरीजों की स्क्रीनिंग गई। अभियान में कैंप के माध्यम से 1239 लोगों जांच की गई। इसमें टीबी के 46 मरीज मिले। इन सभी का इलाज भी शुरू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 तक देश से टीबी को समाप्त करने की मुहिम में ऐसे आयोजन काफी मददगार साबित हो रहे हैं।

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14 केंद्रों पर मिल रही जांच की सुविधा

जनपद में 14 अस्पतालों में बलगम जांच की सुविधा है। कार्यक्रम के जिला समन्वयक श्याम कुमार ने बताया कि अगर बलगम की जांच पाजिटिव आती है तो आवश्यकतानुसार सीबीनाट व ट्रूनेट जांच भी कराई जाती है। सभी ब्लाक स्तरीय अस्पताल व टीबी क्लीनिक में पंजीकरण व इलाज की सुविधा है। जांच से लेकर इलाज तक सभी निःशुल्क है। अगर किसी को एक सप्ताह से ज्यादा समय से खांसी आ रही है, शाम के समय बुखार रहता है तथा शरीर का वजन कम हो रहा है तो टीबी की जांच जरूर कराएं। जांच कराकर खुद और अपने परिवार को सुरक्षित बनाएं। टीबी के इलाज के दौरान सही पोषण के लिए निक्षय पोषण योजना के तहत हर माह 500 रूपए भी दिए जाते हैं।

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