भारतीय पहलवान अंशु मलिक कांस्य लाने में असफल
टोक्यो। गुरुवार को टोक्यो ओलंपिक खेलों से भारत के लिए बेहतरीन खबर आई ।भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में जर्मनी को हरा कर कांस्य पदक जीत लिया। वहीं दूसरी ओर युवा भारतीय पहलवान अंशु मलिक की यहां गुरुवार को महिला फ्रीस्टाइल 57 किग्रा भार वर्ग के रेपचेज राउंड में रूसी ओलंपिक समिति (आरओ सी) की वेलेरिया कोब्लोवा से हारने के बाद टोक्यो ओलंपिक में भारत को एक और कांस्य पदक दिलाने की उम्मीद टूट गई।
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हालांकि भारतीय पहलवान रवि कुमार दहिया ने टोक्यो ओलम्पिक में बुधवार को 57 किग्रा के स्वर्ण पदक मुकाबले में पहुंचकर 2012 के लंदन ओलम्पिक के फ़ाइनल में पहुंचे पहलवान सुशील कुमार की उपलब्धि की बराबरी कर ली है।
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रवि अब राइफल निशानेबाज अभिनव बिंद्रा के 2008 के बीजिंग ओलम्पिक में स्वर्ण पदक जीतने की उपलब्धि की बराबरी करने से मात्र एक जीत दूर रह गए हैं। हालांकि उन्होंने सुशील की उपलब्धि की बराबरी कर ली है। सुशील 2012 के लंदन ओलम्पिक में अपने वजन वर्ग के फ़ाइनल में पहुंचे थे लेकिन जापान के पहलवान से हार गए थे।
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महाबली सतपाल के शिष्य रवि ने आज खेले गए 57 किग्रा वर्ग फ्रीस्टाइल के सेमीफाइनल में कजाखस्तान के नूरइस्लाम सनायेव के खिलाफ हार के कगार से वापसी करते हुए आखिरी मिनट में जीत हासिल की। रवि 2-9 सेपीछे चल रहे थे लेकिन उन्होंने अपनी हिम्मत नहीं छोड़ी और आखिरी मिनट में डबल लेग अटैक करते हुए सनायेव को दबोचा और उनके कंधे जमीन पर टिकाते हुए उन्हें चित्त कर फ़ाइनल में जगह बना ली।
वास्तव में यह भारतीय खेलों के लिए दुर्लभ और ऐतिहासिक क्षण था। रवि अब सुशील से आगे निकलने और बिंद्रा की बराबरी तक पहुंचने से मात्र एक जीत दूर रह गए हैं। महाबली सतपाल ने अपने छत्रसाल स्टेडियम अखाड़े के पहलवान रवि के फ़ाइनल में पहुंचने पर हर्ष प्रकट करते हुए उनके गोल्ड जीतने की उम्मीद जताई है।
उधर कुस्ती के मुकाबले में रूसी पहलवान वेलेरिया ने अंशु को 5-1 से मात दी। रूसी पहलवान ने मुकाबले की शुरुआत में ही 1 अंक लेकर अंशु पर दबाव बनाया, लेकिन भारत की इस युवा पहलवान ने जवाबी हमला बोला और एक अंक हासिल कर स्कोर को 1-1 से बराबर कर दिया, लेकिन मैच के अंत में वेलेरिया ने दांव दिखाए और सीधे चार अंक हासिल कर 5-1 से मुकाबला जीत लिया।
अंशु को इससे पहले बुधवार को प्री क्वार्टर फाइनल में भी हार का सामना करना पड़ा था। इस मुकाबले में उन्हें बुल्गारिया की इरियाना कुराचकिना ने 8-2 से हराया था और टोक्यो ओलंपिक के फाइनल में जगह पक्की की थी। उल्लेखनीय है कि भारत के लिए कुश्ती में रेपेचेज राउंड हमेशा से ही भाग्यशाली रहा है। ओलंपिक इतिहास में भारत को इसके जरिए अब तक तीन कांस्य पदक मिल चुके हैं, लेकिन दुर्भाग्यवश अंशु मलिक चौथा पदक हासिल करने में असफल रहीं।