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40 दिन लगातार दर्शन करने से दूर हो जाती शादी की बाधाएं

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40 दिन लगातार दर्शन करने से दूर हो जाती शादी की बाधाएं
40 दिन लगातार दर्शन करने से दूर हो जाती शादी की बाधाएं
  • भक्तों की आस्था का बड़ा केंद्र है फर्रुखाबाद का पांडेश्वर नाथ मंदिर
  • सावन में सुबह से ही लगती शिव भक्तों की लंबी लंबी कतारें
  • महाभारत कालीन बताया जाता है मंदिर
  • अज्ञात वास के दौरान भगवान कृष्ण की मौजूदगी में पांडवों ने की थी स्थापना

फर्रुखाबाद । आज हम आपको दर्शन कराएंगे फर्रुखाबाद में बिराजे भगवान पांडेश्वर नाथ के जिनके दर्शन मात्र से ही सारे कष्टों का निवारण हो जाता है, जिनके दर्शन करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। महाभारतकालीन इस मंदिर में भगवान महादेव की भक्ति की अविरल धारा बहती है। फर्रुखाबाद में रेलवे रोड स्थित पांडेश्वर नाथ मंदिर में भगवान शिव की पूजा अर्चना करने के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं की हर-हर महादेव की गूंज चारों ओर सुनाई देने लगती है। सूर्योदय के साथ ही श्रद्धालू पूजा के लिए लंबी कतारों में लग जाते हैं…सावन के महीने में जलाभिषेक के लिए भोले भंडारी के भक्तों का तांता सूर्य की पहली किरण के साथ ही लगने लगता है, बम-बम भोले के जयकारे मंदिरों में गुंजयमान होने से वातावरण भी भक्तिमय हो जाता है।

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भारत के विभिन्न हिस्सों में कई ऐसे शिवलिंग मौजूद हैं जिनकी स्थापना महाभारत काल में हुई थी, इनमे से कई शिवलिंग ऐसे हैं जिनके बारे में मान्यता है कि इनकी स्थापना स्वयं पांडवों ने की थी। फर्रुखाबाद के इस पांडेश्वर नाथ मंदिर के बारे में भी मान्यता है कि इस शिवलिंग की स्थापना भी पांडवों ने अज्ञातवाश के दौरान की थी। इसके साथ ये भी मान्यता है कि स्थापना के दौरान भगवान कृष्ण स्वंय मौजूद थे।

पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान इस मंदिर की स्थापना की थी, इसीलिए इस मंदिर की मान्यता अधिक है, महाभारत में एकचक्रानगरी का जिक्र है, इसके मुताबिक गंगा के तट के पास राजा द्रुपद का किला था, चारों ओर जंगल ही जंगल थे, गंगा तट पर धौम्य ऋषि का आश्रम था जहाँ से धौम्य ऋषि स्वयंवर कराने काम्पिल्य गये थे, पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान इसी इलाके में शरण ली थी। पांडव मां कुंती के साथ एक पीपल के पेड़ के नीचे रहने लगे जहाँ उन्होंने एक शिव मंदिर की स्थापना की जो आज पांडेश्वरनाथ मंदिर पंडा बाग के नाम से जाना जाता है।

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शिव शंकर बहुत भोले हैं, इसीलिए हम उन्हें भोलेभंडारी भी कहते है , यदि कोई भक्त सच्ची श्रद्धा से उन्हें सिर्फ एक लोटा जल भी अर्पित करे तो भी वे प्रसन्न हो जाते हैं। सावन के इस पवित्र महीने में पांडेश्वर नाथ मंदिर में जलाभिषेक, रुद्राभिषेक का बड़ा महत्व है, पुराणों में भी शिव के अभिषेक को बहुत पवित्र महत्व दिया गया है।

एक और बड़ी मान्यता के बारे में हम आपको बता रहे हैं। क्या आप कुंवारे हैं शादी करना चाहते हैं लेकिन आपकी शादी में अडचनें आ रही हैं। जिन युवक युवतियों की शादी में अड़चन आ रही हैं या किसी वजह से शादी नहीं हो पा रही है,उनके लिए इस मंदिर के कपाट खुले हुए हैं। मान्यता है कि पांडेश्वर नाथ के 40 दिन लगातार दर्शन करने से शादी के योग बन जाते हैं, विवाह में आने वाली सभी अड़चनें दूर हो जाती हैं, ऐसा माना जाता है की यहां पर 40 दिन पूजा करने से शादी जल्दी हो जाती है। हर रोज यहां सैकड़ों कुंवारे लोग मन्नत मांगने के लिए आते हैं। कई लोगों को यहां पर जल्दी शादी का आशीर्वाद भी प्राप्त हुआ है और उनकी शादी की सभी दिक्कतें दूर हो गईं।

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भक्त अपने पांडेश्वर नाथ बाबा से कई प्रकार की मनोकामना करते हैं, अपने भक्तों की भगवान भोले जल्द सुन लेते हैं और सभी इच्छाओं को पूरी भी कर देते हैं, जिससे ये मंदिर काफी प्रचलित हो चला है।

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