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ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) से ग्रामीणों को अपने घर का मिलेगा स्वामित्व

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ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) से ग्रामीणों को अपने घर का मिलेगा स्वामित्व
ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) से ग्रामीणों को अपने घर का मिलेगा स्वामित्व

औरैया । यूपी के औरैया जिले में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना के तहत ग्रामीणों को भी उनकी संपत्ति का मालिकाना हक के दस्तावेज घरौनी देने की तैयारी शुरू हो गई है। प्रशासन पहले चिन्हित संपत्तियों का ब्यौरा प्रकाशित करेगा और फिर उन पर आपत्तियां लेगा।आपत्तियों का निस्तारण कर संबंधित ग्रामीणों को उनके दस्तावेज दे दिए जाएंगे।

बता दें कि उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली आबादी के घरों का कोई नक्शा या नम्बर नहीं होता है। जमीन के जिस भाग पर विभिन्न वर्गों के परिवार मकान बनाकर रहते हैं, उस क्षेत्र को राजस्व विभाग के नक्से में आबादी क्षेत्र घोषित किया गया है। आबादी क्षेत्र में बहुत से परिवारों के घर होेते हैं, किन्तु उनका इस घर पर कब्जा मात्र होता है, किसी के नाम से वह मकान नहीं होता है। ऐसी स्थिति में स्वामित्व व कब्जों को लेकर गांवों में पारिवारिक या पड़ोसी से विवाद, मारपीट व मुकदमेबाजी भी होती है।

भारत सरकार ने शुरू की है स्वामित्व योजना

ग्रामीण समाज में शान्ति, सौहार्द और आवासों का स्वामित्व बनाये रखने के उद्देश्य से भारत सरकार की ‘‘स्वामित्व‘‘ योजना केे अन्तर्गत उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण आबादी सर्वेक्षण एवं अभिलेख संक्रिया विनियामली 2020 प्रख्यापित की है।
राज्य सरकार की इस विनियमावली के अन्तर्गत ग्रामीण आबादी क्षेत्रों में अवस्थित भूमि, भवन एवं सम्पत्तियों का सर्वेक्षण कराकर ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) तैयार कर सम्बन्धित गृह स्वामियों को उपलब्ध कराना है। राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना जारी कर ग्रामीण आबादी क्षेत्र के सर्वेक्षण का कार्य जिलाधिकारियों/जिला अभिलेख अधिकारियों द्वारा प्रसारित कर कराया जायेगा। सर्वेक्षण प्रक्रिया में सर्वप्रथम ग्राम सभाओं की बैठक कर सभी ग्रामवासियों को इस विनियमावली की जानकारी दी जायेगी।

ड्रोन से गांवों में संपत्तियों की होगी फोटोग्राफी

ग्राम के आबादी क्षेत्र की सभी निजी, सरकारी अर्ध सरकारी भूमि, भवन एवं स्म्पत्तियों को चिन्हीकरण किया जायेगा। चिन्हीकरण के पश्चात आबादी क्षेत्र का ड्रोन द्वारा सर्वेक्षण फोटो लिए जायेंगे जिसके आधार पर आबादी क्षेत्र का मानचित्र तैयार किया जायेगा। मानचित्र के आधार पर आबादी भूखण्डों की नम्बरिंग कर सभी गृह स्वामियों एवं सरकारी सम्पत्तियों की सूची बनाकर ग्राम पंचायत की बैठक में प्रकाशित किया जायेगा।

संपत्तियों की सूची के प्रकाशन के उपरान्त उप जिलाधिकारी द्वारा आपत्तियां आमंत्रित कर उनका निस्तारण सुलह समझौते के आधार पर किया जायेगा। उप जिलाधिकारी/सहायक अभिलेख अधिकारी के निस्तारण के विरूद्ध जिलाधिकारी/जिला अभिलेख के समक्ष आपत्तियां दाखिल की जा सकती है। जिलाधिकारी/जिला अभिलेख अधिकारी द्वारा सम्बन्धित पक्षों को सुनवाई का अवसर देकर आपत्तियों का निस्तारण किया जायेगा। सभी त्रुटियों, समझौते एवं आपत्तियों के निस्तारण के पश्चात गृह स्वामी वार ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) एवं संशोधित मानचित्र तैयार किया जायेगा जिसकी पुष्टि सहायक अभिलेख अधिकारी द्वारा की जायेगी। ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) तैयारी हो जाने के पश्चात जिलाधिकारी द्वारा ग्राम के आबादी सर्वेक्षण एवं अभिलेख संक्रिया पूर्ण होने की अधिसूचना का प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया जायेगा। जिसकी अधिसूचना शासन द्वारा जारी की जायेगी।

37 जिलों के 326 गांवों में सर्वेक्षण पूरा

प्रदेश सरकार ने इस विनियमावली के अंतर्गत कुल 82913 ग्रामों की अधिसूचना जारी की है जिनमें से 37 जिलों के कुल 326 ग्रामों के सर्वेक्षण का कार्य पूर्ण कर 41431 गृह स्वामियों को ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) गत 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री जी द्वारा डिजीटल रूप से तथा जनपदों में जनप्रतिनिधियों के द्वारा भौतिक रूप से वितरित किये जा चुके है। इसके अतिरिक्त 787 ग्रामों में ड्रोन द्वारा हवाई सर्वेक्षण कर लिया गया है, जिसका स्थलीय सत्यापन कर अभिलेख बनाने का कार्य गतिमान है।

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