जिलाधिकारी ने व्यवसाई गौरहरि अग्रवाल समेत चार को भूमाफिया घोषित किया, कराई एफआईआर, एसडीएम करेंगे जांच
फर्रुखाबाद। फर्रुखाबाद जिले में शहर के एक बड़े व्यवसाई ने वक्फ की लगभग 24 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी फर्जी कागजातों के जरिए बेच दी। इस मामले में जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने बड़ी कार्यवाही करते हुए शहर के प्रमुख व्यवसाई गौर हरि अग्रवाल समेत चार लोगों को भूमाफिया घोषित करते हुए एफआईआर दर्ज कराने व एसडीएम को जांच करने का निर्देश दिया है।
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शहर के ही मोहल्ला चीनीग्रान निवासी ताहिर हुसैन ने जिलाधिकारी को वक्फ की संपत्ति बेचे जाने की शिकायत की थी। जिलाधिकारी ने जांच में शिकायत को सही पाया, जिस पर संबंधित लोगों के खिलाफ भूमाफिया की कार्यवाही कर उन्होंने रिपोर्ट दर्ज कराने का निर्देश दिया। बताया जाता है कि लगभग 24 करोड़ की यह आवासीय व्यवसायिक संपत्ति पंडित हजारी लाल को ठेके पर मिली थी।
उन्होंने वर्ष 1946 में ₹800 सालाना पर यह जमीन हरिश्चंद्र खल्फ लाला राम प्रसाद निवासी लोहाई रोड को दी थी। लेकिन खतौनी में यह भूमि नानक चंद, विनोद चंद्र व विनय कुमार पुत्र गण हरिश चंद्र के नाम दर्ज हो गई। नानक चंद, विनोद चंद्र व विनय कुमार ने ही अवैध रूप से अभिलेखों में कूट रचना करते हुए उक्त वक्फ भूमि को शहर के बड़े कारोबारी गौरहरि अग्रवाल को बेचा। इस जमीन की मालियत 23 करोड़ 78 लाख 47 हजार 500 आंकी गई है।
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व्यवसाई का अन्य जमीनों पर भी कब्जा
जिलाधिकारी ने कहा कि यह भी संज्ञान में आया है कि गौर हरि अग्रवाल द्वारा नगर फर्रुखाबाद में अन्य भूमियों पर भी इसी तरह अभिलेखों में कूट रचना करके कब्जा किया गया है।उप जिलाधिकारी सदर पुत्र प्रकरण में स्वयं जांच कर 1 माह के अंदर सूची सहित स्पष्ट रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी गुप्त भू माफियाओं के विरुद्ध तत्काल प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करा कर वैधानिक कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं।
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