- बाढ़ के पानी में बहकर गांव के तालाब में आ गया था मगरमच्छ
- कड़ी मशक्कत के बाद ग्रामीण मगरमच्छ को छोड़ने को हुए राजी
लखीमपुर खीरी। जिले से एक अजीबोगरीब घटना सामने आई है। जिले के मिदनिया गांव में एक मगरमच्छ को ग्रामीणों ने न केवल बंधक बना लिया बल्कि उसे छोड़ने के लिए वन विभाग से 50 हज़ार रुपये की रकम मांगी। माना जा रहा है कि गांव से कुछ दूर स्थित दुधवा नेशनल पार्क से बाढ़ के पानी में बहकर मगरमच्छ गांव के तालाब में पहुंच गया। इसके बाद गांव के लोगों ने मगरमच्छ को पकड़ कर बंधक बना लिया।
घटना की शुरुआत मंगलवार को हुई। रिजर्व बफर एरिया के उफ निदेशक अनिल पटेल ने बताया कि मिदनिया गांव से उन्हें फोन किया गया था जिसमें ग्रामीणों ने बताया कि उनके यहां तालाब में एक मगरमच्छ आ गया है। मगरमच्छ के आने से गांव के बच्चे और जानवर दहशत में हैं। इसके बाद वन विभाग की तरफ से मगरमच्छ को पकड़ने के लिए एक टीम भेजी गई,लेकिन मगरमच्छ की तलाश में शाम हो गई। रात के अंधेरे में अधिकारियों ने ऑपरेशन को बीच में ही रोक दिया।
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रात के अंधेरे में रोकनी पड़ी खोज
बुधवार सुबह 9 बजे गांव वालों ने वन विभाग को फिर से फोन किया और कहा कि वो अब और ज़्यादा इंतज़ार नहीं कर सकते हैं। विभाग के कर्मचारी जब गांव पहुंचे तो उन्हें ग्रामीणों के गुस्से का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों ने तालाब का पानी खुद निकाल कर मगरमच्छ को रस्सी से बांधकर बाहर निकाल लिया। गांव वालों का कहना था कि उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर मगरमच्छ को पकड़ा है, इसलिए उन्हें मुआवजा दिया जाए। प्रधान ने वन विभाग के अधिकारियों को उन लोगों की लिस्ट भी दी जिन्होंने मगरमच्छ को पकड़ने में मदद की थी। गांव वाले 50 हजार रुपये की मांग कर रहे थे।
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काफी समझाने के बाद माने ग्रामीण
वन विभाग के अधिकारियों ने उन्हें समझाने की कोशिश की कि ऐसा कोई भी नियम नहीं है कि उन्हें पैसे दिए जाएं। इस पर गांव के लोगों ने मगरमच्छ को बंदी बना लिया। स्थिति यह हुई कि मौके पर पुलिस को बुलानी पड़ी। पुलिस ने ग्रामीणों को चेतावनी दी कि अगर उन्होंने मगरमच्छ को नहीं छोड़ा तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हालांकि काफी समझाने के बाद ग्रामीणों ने मगरमच्छ को छोड़ दिया।
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