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923 गर्भवती की हुई प्रसव पूर्व जांच

औरैया, कोरोना संकट के बीच महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से बुधवार को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान जिले भर में मनाया गया। अभियान के तहत जिला चिकित्सालय, सीएचसी और पीएचसी पर कुल 923 गर्भवती के स्वास्थ्य की जांच कर उपचार किया गया।

अभियान का उद्देश्य मातृ और नवजात शिशु मृत्यु दर को कम करना है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच, उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था (हाई रिस्क प्रेगनेंसी) की पहचान, पोषण, परिवार नियोजन तथा प्रसव स्थान के चयन के बारे में काउंसलिंग की गई। इसके साथ ही कोविड-19 से बचाव के लिये जारी किए गए प्रोटोकॉल का भी पालन किया गया।

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परिवार कल्याण कार्यक्रम की जनपदीय नोडल अधिकारी डॉ शशिबाला सिंह का कहना है कि मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए सरकार व स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के जरिए परिवार नियोजन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। डॉ सिंह ने बताया कि हर माह की 9 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती के लिये जांच शिविर लगाया जाता है। डॉ सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य इकाईयों पर स्थापित परिवार नियोजन काउंटर द्वारा कुल 845 पूर्व पंजीकरण किये गए।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आरसीएच ) डॉ अशोक कुमार ने बताया कि सभी स्वास्थ्य इकाईयों के प्रशिक्षित स्टाफ द्वारा कुल 923 गर्भवती के रक्त परीक्षण, ब्लड प्रेशर, हीमोग्लोबिन, यूरीन टेस्ट, वजन, गर्भ में बच्चे की बढ़त आदि जांचें की गई। जिनमें कुल 15 हाई रिस्क गर्भवतियों को चिह्नित किया गया । उन्हें खानपान और सरकारी निशुल्क सेवाओं के बारे में बताया। उन्हें आयरन, कैल्शियम की गोलियों सहित आवश्यक दवाएं भी दी गईं। इसके साथ ही गर्भवती को कोविड-19 से बचाव के बारे में भी जानकारी दी गई।

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पीएमएसएमए पर गर्भवती को मिलती हैं यह सुविधाएं

समस्त गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच जैसे हीमोग्लोबिन, शुगर, यूरिन जांच, ब्लड ग्रुप, एचआईवी, सिफलिस, वजन, ब्लड प्रेशर, अल्ट्रासाउंड सहित अन्य जांचे की जाती हैं। समस्त गर्भवती के गर्भ का द्वितीय एवं तृतीय त्रैमास में कम से कम एक बार स्त्री रोग विशेषज्ञ अथवा एलोपैथिक चिकित्सक की देख-रेख में निशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। टिटनेस का टीका,आयरन व कैल्शियम सहित अन्य आवश्यक दवाएं दी जाती हैं। हाई रिस्क प्रेगनेंसी की पहचान,प्रबंधन एवं सुरक्षित संस्थागत प्रसव हेतु प्रेरित किया जाता है।
पोषण,परिवार नियोजन तथा प्रसव स्थान के लिये काउंसलिंग भी की जाती है।

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