अंकारा/दमिश्क। तुर्की और सीरिया में पिछले दिनों आए विनाशकारी 7.8 तीव्रता के भूकंप के 212 घंटे बाद मंगलवार यानी 14 फरवरी को बचाव व राहतकर्मियों ने अदियामन में मलबे से 77 वर्षीय एक व्यक्ति को जीवित बचाया। तुर्की और इसके पड़ोसी सीरिया में छह फरवरी को आई आपदा में मरने वालों की संख्या 41000 हो गई है।
यह भी देखें : तड़के हुई मुठभेड़ में चार गांजा तस्कर गिरफ्तार, बिना नंबर की स्कॉर्पियो भी मिली
संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने हालांकि, कहा है कि सहायता के प्रयास का ध्यान उन लोगों की मदद करने की ओर शिफ्ट हो गया है जो अब आश्रय या कड़कड़ाती ठंड में में पर्याप्त भोजन की कमी और अन्य परेशानियों का सामना कर रहे हैं। लेकिन बचावकर्ता अभी भी भूकंप के एक सप्ताह से अधिक समय से जीवित बचे लोगों को मलबे के नीचे जमीन से बाहर निकालने में प्रयासरत हैं। दोंनों देशों में भूकंप ने कई शहरों में तबाही मचाई है। इसके चलते कड़ाके की ठंड के बीच लोग बेघर हो गए हैं।
यह भी देखें : औरैया में 3 साल की बच्ची से दुष्कर्म के आरोपी को फांसी की सजा, पांच लाख का जुर्माना
सोमवार यानी 13 फरवरी को तुर्की में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। भूकंप के झटके इतने तेज रहे कि भारतीय सेना के अस्पताल में भी में भी दरारें पड़ गई हैं। कुछ और जगहों से भी नुकसान की खबरें आ रही हैं। इस समय सावधानी बरतते हुए भारतीय सेना के जवान भी बिल्डिंग की जगह टेंट में रह रहे हैं।
यह भी देखें : डीएम ने स्वास्थ्य केंद्रों का किया औचक निरीक्षण
गौरतलब है कि तुर्की और सीरिया में कुछ दिन पहले भूकंप से भारी तबाही देखने को मिली थी। अभी भी जमीन पर रेस्क्यू जारी है और लगातार शव बाहर निकाले जा रहे हैं। इस रेस्क्यू मिशन में भारत ने तुर्की की बड़ी मदद की है। एनडीआरफ की कई टीमें भेजी गई हैं, राहत सामग्री भी लगातार पहुंचाई जा रही है। भारतीय सेना ने तो तुर्की में अपने अस्पताल भी बना लिए हैं जहां पर घायलों को उपचार मिल रहा है। कुछ दूसरे देश भी अपनी तरफ से तुर्की को सहायता भेज रहे हैं।