- राहत कार्यों में 780 नाव प्रयोग में लाई जा रही है
- विभागों के बीच समन्वय के लिए बनाई गई 735 बाढ़ चौकियां
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बाढ़ का कहर लगातार जारी है। बाढ़ से जो सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके हैं वह लखीमपुर खीरी, बाराबंकी व पूर्वांचल के कई जनपद बाढ़ की चपेट में है। शारदा व सरयू नदी अपने खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बाढ़ ने पूर्वांचल के कई जनपदों में तांडव मचा रखा है। हजारों घर पानी में जल मग्न हो गए। लाखों लोग बेघर हो गए हैं। हालांकि बाढ़ प्रभावित इलाकों में सरकार द्वारा बनाए गए शरणालयों में समुचित व्यवस्था ना होने के कारण लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
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वहीं उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त, संजय गोयल ने बताया कि बाढ़ से निपटने के लिए राहत कार्यों में 780 नाव प्रयोग में लाई जा रही हैं। विभागों के बीच समन्वय के लिए 735 बाढ़ चौकियों की भी स्थापना की गई है। 268 पशु शिविर संचालित किए गए हैं जिसमें 6,36,787 पशुओं का टीकाकरण किया गया है। वर्तमान में प्रदेश के 15 जनपदों के 674 गांव बाढ़ प्रभावित सूचित किए गए हैं। प्रदेश में अब 2 नदियां शारदा नदी लखिमपुर खीरी में और शरयू नदी बाराबंकी, अयोध्या और बलिया में अपने खतरे के निशान से ऊपर सूचित की गई हैं।
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यूपी राहत आयुक्त, संजय गोयल ने बताया प्रदेश में अब तक 310 बाढ़ शरणालयों की स्थापना की गई है, जिनमें वर्तमान में 3 जनपदों के 24 बाढ़ शरणालयों में लगभग 1402 व्यक्ति रह रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में प्रभावित लोगों को समय से राहत सामग्री उपलब्ध हो। मकान के क्षतिग्रस्त होने पर मुआवजा दिया जाए। उन्होंने बाढ़ प्रभावित इलाकों में पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए हैं।