नयी दिल्ली। सरकार यमुना नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए आगरा में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत 177.6 एमएलडी क्षमता का सीवेज शोधन संयंत्र स्थापित करेगी। इसके लिए एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए गये है। जल शक्ति मंत्रालय ने इस संबंध में गुरुवार को जानकारी देते हुए बताया कि आगरा शहर से यमुना नदी में अनुपचारित सीवेज प्रवाह रोकने के लिए 177.6 एमएलडी क्षमता वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स का निर्माण किया जाएगा और इसके लिए 583 करो रुपए का ठेका दिया गया है।
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इस संयंत्र के निर्माण के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, उत्तर प्रदेश जल निगम और मैसर्स विश्वराज एनवायरनमेंट प्राइवेट लिमिटेड के बीच आज त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह ठेका 582.84 करोड़ रुपये में दिया गया है। मंत्रालय के अनुसार परियोजना का उद्देश्य आगरा शहर में मौजूदा सीवरेज समस्याओं का दूर करना है, जो यमुना नदी को प्रदूषित करते हैं। परियोजना के कार्यान्वयन से यह सुनिश्चित करना है कि आगरा शहर से यमुना नदी में अनुपचारित सीवेज नहीं छोड़ा जाएगा, जिससे नदी में प्रदूषण में कमी आएगी।