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16 जनपदों के 1090 गांव बाढ़ से प्रभावित, कुछ गांव टापू में तब्दील…

लखनऊ: प्रदेश में कोरोना महामारी के बीच बाढ़ ने भी लोगों के जीवन को प्रभावित किया है। जगह-जगह पानी भर गया है एक दूसरे गांव के जनसंपर्क भी टूट चुके है। कई ऐसे गांव है जो टापू में तब्दील हो चुके है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में जनपद अंबेडकर नगर, आजमगढ़, अयोध्या, बहराइच, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, कुशीनगर, देवरिया, फर्रूखाबाद, गोरखपुर, लखीमपुर खीरी, गोंडा, मऊ, संतकबीर नगर तथा सीतापुर के कुल 1090 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। इनमें से 575 गांव मैरुंड हैं।

यूपी राहत आयुक्त, संजय गोयल ने बताया कि पिछले 24 घंटे में लगभग 54 और गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। इस प्रकार वर्तमान में प्रदेश के 16 जनपदों के 1090 गांव बाढ़ प्रभावित सूचित किए गए हैं। प्रदेश में अब तक 370 बाढ़ शरणालयों की स्थापना की गई है, जिनमें वर्तमान में 5 जनपदों के 29 बाढ़ शरणालयों में लगभग 1600 व्यक्ति रह रहे हैं। पिछले 24 घंटों में बाढ़ से प्रभावित 8820 परिवारों को खाद्यान्न किट का वितरण किया गया है। अभी तक कुल 126417 खाद्यान्न किट का वितरण किया गया है।

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उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त, संजय गोयलने कहा कि विभागों के बीच समन्वय के लिए प्रदेश में 784 बाढ़ चौकियों की भी स्थापना की गई है। 404 पशु शिविर संचालित किए गए हैं जिसमें 6,82,394 पशुओं का टीकाकरण किया गया है।

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बाढ़ ने हर तरफ तबाही मचा रखी है। सरयू और शारदा नदी उफान पर है। नदियों के आसपास कि कई ऐसे गांव पानी में समा गए हैं तो कुछ टापू में तब्दील हो गए हैं लोग एक जगह से दूसरी जगह आने जाने के लिए नाव का सहारा ले रहे हैं। बाढ़ की वजह से हजारों घरों के लोग बेघर हो गए हैं। हालांकि सरकार द्वारा राहत कार्य बचाओ चलाया जा रहा है लेकिन सभी के पास मदद नहीं पहुंच पा रही है ऐसे में लोग सरकार से आस लगाए बैठे हैं। प्रदेश सरकार को बाढ़ से प्रभावित इलाकों पर नजर बनानी होगी वरना हालात बद से बदतर हो जाएगा।

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