लगातार दूसरी बार मिला सम्मान, 77.5 प्रतिशत अंकों के आधार पर प्रदेश में 21वां स्थान
मंडल के कुल 11 अस्पतालों का कायाकल्प के लिए हुआ चयन
औरैया: कायाकल्प योजना में एक बार फिर से 100 शैय्या जिला संयुक्त चिकित्सालय को कायाकल्प अवार्ड के लिए चुना गया है। 2018-19 में कायकल्प अवार्ड प्राप्त कर चुके जिला अस्पताल को फिर से मरीजों-तीमारदारों की सुविधाओं में बढ़ोत्तरी के लिए तीन लाख रुपए का अवार्ड मिलेगा। जिला अस्पताल ने 77.5 प्रतिशत अंकों के आधार पर प्रदेश में 21वां स्थान व मंडल में चौथा स्थान प्राप्त किया है। बता दें कि प्रदेश में वर्ष 2019-20 कायाकल्प अवार्ड योजना में जिला संयुक्त चिकित्सालय छिबरामऊ को मण्डल में प्रथम व प्रदेश में आठवां स्थान मिला हैं। वहीं मंडल के कुल 11 जिला अस्पताल कायाकल्प के लिए चयनित किये गये हैं।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ अर्चना श्रीवास्तव ने कहा कि इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के संबंधित अधिकारी और कर्मचारी बधाई के पात्र हैं। पूरे स्टाफ के बेहतर काम के कारण ही अस्पतालों को अवार्ड मिला है। इसीलिए सभी लोग बधाई के पात्र हैं।
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जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ राजीव रस्तोगी ने बताया की अवार्ड के लिए चयनित होने वाले अस्पतालों को सरकार की ओर से तीन लाख रुपये दिए जाएंगे, जिसे अस्पताल की बेहतरी पर खर्च किया जाएगा। उन्होंने बताया की इसे पहले भी वर्ष 2018-19 के लिए अस्पताल को कायाकल्प अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है। डॉ रस्तोगी ने हॉस्पिटल प्रबंधक डॉ सुनील पाल समेत अन्य अधिकारियों को अच्छे काम पर बधाई दी है।
जिला अस्पताल के हॉस्पिटल प्रबंधक डॉ सुनील पाल ने बताया कि शासकीय चिकित्सालयों में संक्रमण कि रोकथाम एवं अस्पताल के कचरे के उचित प्रबंधन में यह योजना अत्यधिक कारगर है। जनपद की सभी चिकित्सा अवार्ड प्राप्त इकाइयों ने इस हेतु अत्यधिक परिश्रम किया है। साथ ही मुख्य चिकित्साधिकारी, मुख्य चिकित्साधीक्षक एवं अन्य अधिकारियों के सहयोग से यह उपलब्धि प्राप्त हुयी है।
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क्या है कायाकल्प
मण्डलीय सलाहकार क्वालिटी एसोरेन्स डॉक्टर सुरेंद्र बताते है कि सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों में स्वच्छता एवं अच्छी प्रक्रियाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत सरकार ने यह महत्वकांछी योजना 15 मई 2015 को आरंभ की थी। जिसमें एक निर्धारित चेक लिस्ट के आधार पर स्वास्थ्य केन्द्रों का तीन चरणों में असेस्मेंट किया जाता है। जिसमें जिला स्तरीय चिकित्सालयों को क्रमशः प्रथम को 50 लाख, द्वितीय को 20 लाख एवं तृतीय को 10 लाख, व जो चिकित्सालय 70 प्रतिशत से अधिक पाते है उन्हे 3 लाख रूपय दिये जाते है।
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इन चरणों के माध्यम से 6 बिन्दुओं जैसे- स्वास्थ्य सुविधाओं, स्वच्छता, कचरा प्रबंधन, संक्रमण नियंत्रण, समर्थन तथा स्वच्छता को बढ़ावा देना पर स्वास्थ्य केंद्र का मूल्यांकन किया जाता है जिसमे आंतरिक मूल्यांकन का निरीक्षण स्थानीय टीम द्वारा, सहकर्मी मूल्यांकन का निरीक्षण मण्डल स्तरीय टीम द्वारा व अंतिम मूल्यांकन राज्यस्तरीय टीम के द्वारा किया जाता है।