बैंक कर्मियों को चार पांच महीने से बेतन भी नही मिल रहा है
हमीरपुर । उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में भूमि विकास बैंक की तीन शाखाओं के शत प्रतिशत खाते एनपीए होने से करोड़ों रूपये डूबने की कगार पर पहुंच गए है। इसके चलते बैंक कर्मियों को चार पांच महीने से बेतन नही मिल रहा है।भूमि विकास बैंक हमीरपुर के शाखा प्रबंधक अशोक कुमार ने बताया कि नाबार्ड से कर्ज लेकर भूमि बिकास बैंक हमीरपुर,मौदहा राठ के किसानो को कर्ज देती है। चार दशकों के बाद भी किसानो ने कर्ज नही जमा किया है लिहाजा हमीरपुर शाखा में दो करोड़ 64 लाख 81 हजार,मौदहा में 2 करोड़ 79 लाख 36 हजार,राठ में आठ करोड़ 63 लाख 16 हजार रुपये यानी 14 करोड़ सात लाख 33 हजार रुपये के हजारो खाते एनपीए यानी नान परफार्मेंस एकाउन्ट हो गये है। जिले में तीन बैंके है जिसमे बैंक कर्मियों को चार पांच महीने से बेतन नही मिल रहा है।
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पैसा किसी तरह किसानों से वसूला जा सके इसके लिये शासन ने हार थक कर हरेक बैंक को ऋण वितरण करने का लक्ष्य निर्धारित कर दिया है जिसमे हमीरपुर व मौदहा शाखा को दो-दो करोड़,राठ शाखा को एक करोड़ 10 लाख कालक्ष्य दिया है, शासन ने साफ कहा है कि बैंक कर्मियो को वेतन तभी मिलेगा जब ऋण वसूलने के साथ साथ किसानों को दिये गये टारगेट के अनुसार ऋण भी वितरित करेगी।
हमीरपुर शाखा प्रबंधक का कहना है कि एनपीए खाते होने के बाद भी हमीरपुर ब्रांच ने किसानों को तीन लाख रुपये, मौदहा ब्रांच ने 16 लाख 20 हजार, राठ ब्रांच में 31 लाख 60 हजार रुपये का ऋण वितरित कर दिया है। इस बार ऋण वितरण उन्ही किसानो को दिया जा रहा है जो शीघ्र वापस कर सके हालाकि इस समय ओटीएस योजना संचालित है जिसमे ब्याज माफ करने का प्राविधान है जो किसान ओटीएस में पैसा जमा करना चाहते है उन्हे काफी छूट प्रदान की जा रही है।
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बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक महेश कुमार का कहना है कि बैंको की हालत खराब है। किसानो को बैंक से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। ऋण वसूली कर स्थिति ठीक की जा रही है,इधर कई सालो सें बैंक में ऋण न बटने के कारण लोग भूमि बिकास बैंक को पूरी तरह भूलते जा रहे है। कुछ किसान वसूली को लेकर कोर्ट चले गये जिससे किसानों की वसूली और जटिल होती जा रही है।बैंको का पैसा किसानो से कैसे निकाला जाये इसके लिये दो दिन पहले झांसी में चित्रकूट व झांसी मंडल की एक आवश्यक बैठक संपन्न हुई है जिसमे योजना बनाकर वसूली करने को कहा गया है ताकि बैंको को इस संकट से उबारा जा सके।
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